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रंगों में छुपा ज़हर

केमिकल रंगों के नुकसान से सावधान रहें!

Tannu Panwar

3/8/20251 min read

people gathering on a concert
people gathering on a concert

रंगों में छुपा ज़हर: केमिकल रंगों के नुकसान से सावधान रहें!

रंग हमारे जीवन को खूबसूरत और खुशहाल बनाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जो रंग हम होली, शादी या किसी भी खास मौके पर इस्तेमाल करते हैं, उनमें छुपा हुआ केमिकल (रासायनिक पदार्थ) हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक हो सकता है?

आजकल बाजार में मिलने वाले ज्यादातर रंगों में केमिकल डाई, आर्टिफिशियल कलर्स और टॉक्सिक मटेरियल होते हैं, जो त्वचा, बालों और सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं। आइए जानते हैं केमिकल रंगों के नुकसान:

1. त्वचा संबंधी रोग (Skin Problems)

केमिकल रंगों में मौजूद कैंसरकारी रसायन (Carcinogenic Chemicals) जैसे लैड ऑक्साइड, मर्करी सल्फाइड, कॉपर सल्फेट आदि सीधे हमारी त्वचा पर प्रभाव डालते हैं। ये त्वचा में जलन, खुजली, फोड़े-फुंसी, दाने और रैशेज का कारण बन सकते हैं।

2. बालों को नुकसान (Hair Damage)

अगर केमिकल रंग हमारे बालों में लग जाए तो ये बालों की नमी को सोख लेते हैं, जिससे बाल रुखे, बेजान और झड़ने लगते हैं। कई बार ये रंग बालों की जड़ों को कमजोर करके बालों का असमय सफेद होना या गंजापन का कारण भी बन सकते हैं।

3. आंखों पर असर (Eye Damage)

रंगों में मौजूद केमिकल यदि आंखों में चला जाए तो यह जलन, रेडनेस, सूजन या यहां तक कि अस्थायी अंधापन (Temporary Blindness) का कारण भी बन सकता है।

4. सांस संबंधी समस्याएं (Respiratory Issues)

जब हम केमिकल रंगों से खेलते हैं या उन्हें सूंघते हैं, तो ये हमारे फेफड़ों में जाकर सांस की नलिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जिससे खांसी, अस्थमा, सांस फूलना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए ये बेहद खतरनाक हो सकता है।

5. कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा

बहुत से केमिकल रंगों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर में जाने के बाद धीरे-धीरे जहरीले प्रभाव डालते हैं। लंबे समय तक इनका संपर्क स्किन कैंसर, लिवर डैमेज, किडनी फेलियर और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।

तो क्या करें?

अगर आप और आपका परिवार सुरक्षित रहना चाहते हैं तो हमेशा प्राकृतिक रंग (Natural Colors) का उपयोग करें। जैसे:

  • हल्दी, चंदन, पालक, गुलाब की पत्तियां, टेसू के फूल, चुकंदर का रस, आंवला पाउडर आदि।

  • ✅ घर पर ही फूलों और सब्जियों से रंग बनाकर खेलें।

  • ✅ बाजार से हर्बल रंग या ऑर्गेनिक रंग ही खरीदें।

❤️ सुरक्षित रहें, प्राकृतिक रंगों के साथ त्योहारों का आनंद लें!

रंग खेलना या लगाना गलत नहीं है, लेकिन सही रंगों का चुनाव आपके स्वास्थ्य और भविष्य के लिए बहुत जरूरी है। आइए मिलकर इस साल केमिकल रंगों से दूरी बनाएँ और प्रकृति के रंगों को अपनाएँ। 🌸🌼

मेरे पास आपके लिए कुछ प्राकृतिक रंगों के सुझाव हैं, जिनके कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं!


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